BREAKING NEWS
ADVERTISEMENT
Designed by

muharram pahla mahina islami saal ka अज़मत व बुज़ुर्गी वाला

 मुहर्रम उल-हराम: इस्लामी-साल का-पहला और अज़मत भरा महीना

मुहर्रम उल-हराम इस्लामी-साल का पहला-महीना है, जो अपनी अज़मत और बुज़ुर्गी के लिए मशहूर है। इस माह की खासियत और यौमे-आशूरा की फज़ीलत पर यह तहरीर आपको ज़रूर फायदा देगी और इबादत, तौबा, और नेक कामों के करने का जज़्बा पैदा होगा।

इस्लामी-साल का पहला-महीना मुहर्रम उल-हराम अज़मत व बुज़ुर्गी वाला महीना

हज़ूर-ए-अकरम सल्लल्लाहु-अलैहि-वसल्लम का इरशादे-गिरामी है कि मुसलमानों के साल की इब्तिदा हुरमत व बुज़ुर्गी वाले माह मुहर्रम से होती है और साल का इख्तिताम भी बुज़ुर्गी और हुरमत वाले माह ज़िल्हिज्जा पर होता है। 

अज़मत व बुज़ुर्गी वाले चार महीने।

किताबे-इलाही में साल के महीनों की तअदाद बारह बताई गई है और इनमें से चार महीनों को अज़मत व बुज़ुर्गी वाला बनाया गया है। सरकारे-दो आलम हुज़ूर अलैहिस्सलातु वस्सलाम ने इरशाद फ़रमाया कि ये चार माह रजब, ज़िल्क़ादा, ज़िल्हिज्जा और मुहर्रम हैं।

यौमे-आशूरा: इबादत और फज़ीलत का दिन

दोस्तों: बिलख़ुसूस यौमे-आशूरा की बड़ी फज़ीलत बयान हुई है। उस रोज़ यानी यौमे आशूरा को ज़िक्र व फ़िक्र, इबादत में, तिलावत-ए-क़ुरआन पाक और रोज़े की हालत में गुज़ारना चाहिए। अपने गुनाहों से तौबा करनी चाहिए। 

यौमे आशूरा और तौबा।

इरशाद-ए-नबवी सल्लल्लाहु-अलैहि-वसल्लम है कि मुहर्रम उल-हराम अल्लाह तआला का ख़ास महीना है। इसमें एक क़ौम की तौबा क़बूल हुई है। इस माह में जो कोई तौबा करे, उसकी तौबा क़बूल होती है।

यौमे-आशूरा पर कीए जाने वाले आमाल।

आईए हम सब यह तहिय्या करें कि यौमे-आशूरा का रोज़ा रखेंगे, इस रोज़ तिलावत-ए-क़ुरआन पाक का ख़ुसूसी एहतिमाम करेंगे। सदक़ा व ख़ैरात देंगे, नज़्र व नियाज़ करेंगे। अपने गुनाहों से तौबा करेंगे। अपने मरहूम बुज़ुर्गों की मग़फिरत अल्लाह तआला से तलब करेंगे और घर के दूसरे अफ़राद को भी इसकी तरग़ीब देंगे। अल्लाह तआला हम सब को इसकी तौफ़ीक़ दे, आमीन।


एक टिप्पणी भेजें
ADVERTISEMENT
Designed by
ADVERTISEMENT
Designed by
ADVERTISEMENT